श्री हनुमान जयंती पर विशेष खबर-
डेढ़ सौ वर्ष पूर्व बाजार चौक मे रखी गई थी श्री हनुमान मंदिर की आधारशिला-
नगर में जब भी बारात निकली- तो दूल्हा करता है सबसे पहले हनुमान जी की पूजा,
चिचोली:- (आनंद रामदास राठौर)- नगरीय क्षेत्र के बाजार चौक में स्थित भगवान श्री राम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी का मंदिर का इतिहास लगभग 150 वर्ष पुराना है। यह मंदिर अपने चमत्कारों के साथ नगर के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में शामिल है! बुजुर्गों की माने तो चिचोली नगर पर जब भी विपत्ति आई जब भी कोई महामारी फैली तब पहले सबसे पहले चिचोली के नगरवासीयो ने इस मंदिर मे जाकर श्री हनुमान जी की मूर्ति एवं मंदिर के अंदर स्थापित आदि शक्ति भगवती शीतला माता की मूर्तियों पर पानी चढ़ा कर संकटो से मुक्ति पायी ।
वर्ष में 4 चार बार आने वाली नवरात्रि में यहा सबसे अधिक महिलाएं शीतला माता की मूर्तियों पर पानी अर्पण कर पूरी शिद्दत के साथ मंदिर में स्थापित मूर्तियों की पूजा विधि विधान से करती है!
श्री हनुमान मंदिर का इतिहास-
नगर के मध्य बाजार चौक में स्थित प्राचीन मंदिर हनुमान मंदिर का इतिहास लगभग 150 वर्ष पुराना है! बाजार चौक निवासी वरिष्ठ नागरिक एवं इस मंदिर की नीव रखने वाले पटेल परिवार के श्री अनिल सिंह कुशवाहा बताते हैं कि, आज से लगभग डेढ़ सौ वर्ष पूर्व चिचोली मे मंदिरों का अभाव था । इस दौरान उनकी आजी स्वर्गीय कुवर जगपाल बाई पटलन ( स्व: श्री बिहारी लाल पटेल ) ने इस स्थान पर चबूतरा बनाकर इस स्थान पर पत्थर के रूप में श्री हनुमान जी को स्थापित किया था! इसके बाद जन सहयोग एवं उनके परिवार के सहयोग से इस स्थान पर संकट मोचन श्री हनुमान जी की दक्षिण मुखि मूर्ति को विधिवत स्थापित किया गया तब से लगाकर आज तक अनवरत इस मंदिर में भगवान श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान जी की मूर्ति की पूजा की जाती है!
चिचोली नगर के स्थानीय निवासी पंडित प्रमोद शुक्ला ने बताया कि, इस मंदिर में स्थापित श्री हनुमान जी की मूर्ति सर्व सिद्ध है जो कोई भी भक्त मदार के पत्तों पर श्री राम लिखकर हनुमान जी को अर्पण करते हैं तो स्वयं संकट मोचन श्री हनुमान जी उनकी समस्त मनोकामना को पूर्ण रूप से सिद्ध कर देते हैं!
नगर मे जिसकी भी बारात निकली- वह स्वयं करता है हनुमान जी को नारियल भेट-
डेढ़ सौ वर्ष से एक परंपरा सतत चलते आ रही है! चिचोली नगर मे जिस नागरिक के घर शादी विवाह तय होता है वह बारात निकालते समय हनुमान जी के मंदिर में आना नहीं भूलता!
बारात मे घोड़े पर सवार दूल्हा सबसे पहले बाजार चौक स्थित श्री हनुमान जी के मंदिर में पहुंचता है और अपने सुखी जीवन की शुरुआत के लिए श्री हनुमान जी को एक नारियल भेंट कर आशीर्वाद लेकर शादी के लिए निकल पड़ता है! यह परंपरा मंदिर के स्थापना के साथ ही यहां पर प्रारंभ हुई थी तब से लगाकर आज तक यह अनवरत चल रही है!
प्रति शनिवार महिला मंडल द्वारा किया जाता है रामायण का पाठ
इस मंदिर से जुड़ी महिला मंडल की सहयोगी सदस्य श्रीमती प्रिंयका, प्रमोद शुक्ला ने बताया कि वर्षों से इस मंदिर में महिला मंडल चिचोली द्वारा प्रति शनिवार रामायण पाठ का आयोजन किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में नगर से महिलाएं शामिल रहती है
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