सामाजिक समरसता के बीच मनाई गई बाल्मीकि जयंती
संघ के स्वयंसेवको ने वाल्मीक समाज के लोगों का किया सम्मान
चिचोली:- आज हम एक ऐसे ऋषि की जयंती मना मना रहे हैं l जिनके द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी के जीवन गाथा पर आधारित महाकाव्य रामायण की रचना की गई थी! इस महाकाव्य की रचना से भारतीय जनमानस में समरसता का संदेश गया और वह संदेश आज भी लोगों के जीवन में शामिल है ! यह हमारा सौभाग्य है, हमें गर्व है कि, हम प्रचेता के दसवे पुत्र महर्षि वाल्मीकि के समाज से है !
यह बात जय स्तंभ चौक के निकट सामुदायिक मंगल भवन में आयोजित बाल्मीकि जयंती के अवसर पर संघ से जुड़े विनोद छावनकर ने वाल्मीकि समाज के बंधुओ को संबोधित करते हुए कही !
समरसता के कार्यक्रम मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वयं सेवकों द्वारा बाल्मिक समाज प्रमुख चिचोली के संजय वाल्मीकि का शाल श्रीफल से सम्मान भी किया आयोजित कार्यक्रम मे स्वयंसेवकों के अलावा बड़ी संख्या में वाल्मीक समाज की सामाजिक बंधु भी शामिल हुए! कार्यक्रम का संचालन संघ के राकेश सोनी द्वारा किया गया।
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