अतिक्रमण की गिरफ्त में पश्चिम वन मंडल....
अधिकारियों की निष्क्रियता से रिजर्व फॉरेस्ट मे हालत बत से बत्तर.....
अतिक्रमण पर कार्रवाई से वन अफसरो का परहेज- कैसे बचेगा बेस कीमती जंगल....
चिचोली:- बैतूल वन वृत के पश्चिम वन मंडल में वन अधिकारियों की उदासीनता के चलते पिछले 6 महीनो के दौरान नांदा सर्कल, चूनाहजूरी सर्कल एवं बल्लौर सर्कल में बड़े स्तर पर अवैध अतिक्रमण की गतिविधियां सामने आई है! लेकिन इसके बावजूद भी वन अधिकारियों ने अभी तक इन सारे मामलों में कार्रवाई करने की बजाय अतिक्रमण के इन संवेदनशील मामलों पर सीधे चुप्पी साध रखी है! अधिकारियों की निष्क्रियता का यह आलम है कि, निचला वन अमला अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई चाहता है! लेकिन,अधिकारी अतिक्रमण के मामलों में कार्रवाई करने से परहेज कर रहे हैं! सावलीगढ़ रेंज के चूनाहजूरी सर्किल 1391,1392 एवं बल्लौर सर्किल की सागवानी बीट मे बड़े स्तर पर जंगलों का सफाया कर जंगल की जमीन को खेतों में तब्दील किया जा चुका है।
इन मामलों में कार्रवाई नहीं होने के कारण अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद है। और वह बेखौफ होकर रिजर्व फॉरेस्ट के अन्य कंपार्टमेंट मे भी अतिक्रमण की गतिविधियों को अंजाम देने में लगे हुए हैं।
सावलीगढ़ रेज की दो सर्किल मे अतिक्रमण के हालत:-
पश्चिम मंडल की एक और संवेदनशील रेंज सांवलीगढ़ इस रेंज में कुछ वर्षों पूर्व वन अधिकारियों ने सक्रियता दिखाई थी। तो काफी हद तक अतिक्रमण को रोका गया था। लेकिन इसके बाद एक बार फिर सांवलीगढ़ रेंज में अतिक्रमण चरम स्तर पर पहुंच चुका है! हालत यह है कि, चूना हजूरी सर्कल के 1391 1392 में जिस तरफ भी नजर जाएगी उस तरफ केवल अतिक्रमण और टप्पर पर ही नजर आ रहे हैं। अतिक्रमण की गतिविधियां चरम पर होने के बावजूद भी पश्चिमं वनमंडल के अधिकारियों ने इस मामले में अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की है!
सांवलीगढ़ रेंज की एक और सर्किट बल्लौर मे सागवानी बीट में तो हालत बत से बत्तर नजर आ रहे हैं। सागवानी बीट में प्लांटेशन के 50 से 60 गोलाई के सैकड़ो पौधों को अतिक्रमणकारियों ने नष्ट कर वर्तमान समय में मक्के की फसल लगाई थी! इस कंपार्टमेंट में मार्ग के राइट साइड में लगा पूरा प्लांटेशन ही अतिक्रमणकारियों ने नष्ट कर दिया इसके अलावा अब लेफ्ट साइड में भी अतिक्रमणकारियों ने कब्जा करते हुए पहाड़ पर भी अतिक्रमण करना प्रारंभ कर दिया है लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारी इस मामले में पूरी तरह से निष्क्रिय है!
इस मामले हालात यह है कि, पूर्व सीसीएफ द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीओ चिचोली को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन लगभग 1 वर्ष भी जाने के बावजूद भी अधिकारियों ने अतिक्रमण को गंभीरता से नहीं लिया अब हालात यह है कि अतिक्रमणकारियों ने सागवानी बीट में अतिक्रमण कर वन संपदा को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया गया है!
जल्द ही अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण रोकने के लिए अगर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाती है तो हालात और भी बत् से बत्तर हो जाएंगे
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