बैतूल के जंगलों में भ्रष्टाचार और अतिक्रमण का खेल
बेखौफ होकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे वन विकास निगम के अधिकारी
रामपुर भतोडी परियोजना में अवैध कटाई और 72 लाख के घोटाले का आरोप
युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष दिनेश यादव ने वन मंत्री से की शिकायत
बैतूल। जिले में पांच विधायक भारतीय जनता पार्टी के हैं और प्रदेश में सरकार भाजपा की है लेकिन इसके बावजूद भी बैतूल वन वृत के वन अधिकारी नियमों को ताक पर रखते हुए बेखौफ होकर भ्रष्टाचार में लिप्त है! आखिर क्या वजह है कि, बैतूल वन वृत के वन अधिकारियों को सरकार और विभाग की बदनामी का बिल्कुल भी डर नहीं है! जिले के वन मंडलों मे बेखौफभ्रष्टाचार जारी है। हालत यह है कि वन समितियो के माध्यम से जो खरीदी की जा रही है उन खरीदी में भी जमकर भ्रष्टाचार जारी है वन समितियां के अध्यक्षों से सीधे प्रस्ताव लेकर सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। कुछ वन मंडलों में वनों की सुरक्षा के लिए वन चौकिया पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए खरीदी की गई है। जो सीसीटीवी 10हजार में आ जाता है। उस पर ₹40000 तक खर्च किए जा रहे हैं। इन सीसीटीवी कैमरो की क्वालिटी की अगर जांच निष्पक्ष रूप से की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा । यह आरोप सत्ताधारी दल के नेताओं का है! जिसकी शिकायत सीधे वन मंत्री से की गई है
जिले का हरा-भरा वन क्षेत्र अब अधिकारियों के भ्रष्टाचार और अतिक्रमणकारियों की अवैध गतिविधियों से खतरे में है। युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष दिनेश यादव ने इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए मध्यप्रदेश के वन मंत्री राम निवास रावत से सीधे शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाया कि वन वृत्त और वन विकास निगम के अधिकारी बेखौफ होकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और वनों में अवैध कटाई और अतिक्रमण का खुला खेल खेल रहे हैं।
भ्रष्टाचार के चलते खतरे में बैतूल का वन क्षेत्र
दिनेश यादव ने अपनी शिकायत में बताया कि बैतूल वन वृत्त के प्रभारी सीसीएफ पी.एन. मिश्रा, डीएफओ और वन विकास निगम के डीएम लोकेश निरापुरे समेत अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से वनों में अवैध गतिविधिया चल रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में की गई कई शिकायतों के बावजूद कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई, जिससे इन अधिकारियों का मनोबल और बढ़ गया है।
यादव ने रामपुर अतोडी परियोजना के तहत वन सुरक्षा समिति आवरिया काजली के विकास खाते में 72 लाख रुपये के गबन का आरोप भी लगाया। साथ ही, 2018-19 में लगाए गए 5 लाख सागौन के पौधों में से 1 लाख भी अब बचे नहीं हैं, क्योंकि अतिक्रमणकारियों ने सागौन के पौधे काटकर खेती शुरू कर दी है।
पूरे 300 हेक्टेयर जंगल पर कब्जा, चौपना रेंज में रोपण रोकने का आरोप
बिट नंबर 219, 221 और 1403 में 300 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है। चौपना रेंज के डगडगा और पूंजी रेंज में भी अतिक्रमणकारियों द्वारा रोपण कार्य रोक दिया गया, जिससे 35 हजार रूट शूट सूख गए। युवा मोर्चा नेता ने इन सभी गंभीर मामलों की जांच राज्य स्तरीय उड़न दस्ते से कराने की मांग की है। साथ ही, पौधारोपण घोटालों और बिट निरीक्षण में शामिल अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करने की बात कही है। वित्तीय संस्था से स्वतंत्र जांच की मांग भी की गई है ताकि भष्टाचार का सच सामने आ सके।
वन विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल
दिनेश यादव की इस शिकायत ने बैतूल जिले में वन विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार को फिर से उजागर कर दिया है। उन्होंने बताया जिले के वन क्षेत्र में व्याप्त अतिक्रमण और भ्रष्टाचार के खिलाफ यदि समय पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति और विकराल हो सकती है।
इधर सूत्रों की माने.तो पश्चिम वन मंडल की चिचोली रेंज के नादा सर्कल के 1181 पश्चिम नॉदा बीट मे रिजर्व फॉरेस्ट के कंपार्टमेंट में ट्रैक्टरों से जुताई कर फसल बोई गई है और वह फसल अब पककर तैयार होने वाली है! इसके बावजूद भी वन अधिकारी कार्रवाई के नाम पर हाथ पर हाथ धर कर बैठे नजर आ रहे हैं
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