पश्चिम वन मंडल मे कुए मे गिरे पेगोलिन का रेसक्यु-
प्रायः घने जगंलो मे पाया जाता है दुर्लभ वन्य प्राणी
वन अधिकारीयो की उपस्थिति मे वन अमले ने पुनः जंगल मे छोड़ा
चिचोली मीडीया :- बैतूल वन वृत के पश्चिम वन मंडल मे शुक्रवार की सुबह जगंल के कंमाटमेट से लगे खेत के कुएं में किसान को आश्चर्यजनक वन्य जीव दिखाई देने के बाद किसान द्वारा इस जीव के कुएं में गिरने की जानकारी वन अमले को दी गई! इसके बाद सावलीगढ़ वन परिक्षेत्र के वन अमले ने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों की सहायता से कुएं में गिरे वन्य जीव का रेस्क्यू किया गया ! जानकारी के मुताबिक सांवलीगढ़ वन परिक्षेत्र के जंगल से लगे खेत मे कुए मे गिरे दुर्लभ एवं विलुप्त प्रजाति के पेंगोलिन को किसान और ग्रामीणो ने बास की टोकरी के सहारे निकाल कर उसे सुरक्षित वन विभाग के एसडीओ गौरव मिश्र एवं प्रशिक्षु आईएफएस की मौजूदगी मे वन अमले को सौपा ।
इसके बाद वन अमले ने दुर्लभ वन्य प्राणी को पुन: जंगल में छोड़ दिया है । विलुप्त वन्यप्राणी मिलने से इलाके में कौतूहल मच गया था ।ग्रामीण इस वन्य प्राणी को पहली देखा i इसलिए कोई भी इसे पहचान नही पा रहा था ! किसान लब्बू यादव की सूचना पर वन मौके पर पहुंचे वन अमले ने इसकी पहचान पेगोलिन के रूप मे की और पशु चिकित्सक केसी तवर ने वन्य जीव के स्वास्थ्य परीक्षण किया! जिसमें वन्य जीव पूरी तरह से स्वस्थ पाया गया ।
पैंगोलिन संरक्षित वन्य जीव है! और यह एक से डेढ़ साल की मादा पेंगोलिन थी ।किसान ने बताया कि, खेत के कुए पैंगोलिन को देखा तो वह डर गया। वह बार बार ऊपर आने की कोशिश कर रहा था । गौरतलब है कि, जिले के जंगल मे पैंगोलिन का मिलना बहुत अच्छा माना जा रहा है! क्योंकि यह इस इलाके का वन्य प्राणी नही है। प्राय यह दुर्लभ वन्य प्राणी घने जंगलों में पाया जाता है! अभी तक इस वन्यप्राणी की मौजूदगी मण्डला, बालाघाट ,सिवनी ओर छिंदवाड़ा में मिली है। भारत में यह विलुप्त प्रजाति का दुर्लभ स्तनधारी जानवर है ।
"सामान्यतः यह वन्य प्राणी घने जंगलों में पाया जाता है बैतूल के जंगलों में इसकी उपस्थिति देखी गई है यह शर्मीले मिजाज का होता है और छोटे जीव जैसे चीटे इत्यादि को अपना भोजन बनता है! हमें सूचना प्राप्त हुई थी जिसके बाद इसका सफल रेस्क्यू किया गया है!
.*वरुण यादव डीएफओ पश्चिम वन मंडल*
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