'दिया तले अंधेरा कहावत " को चरितार्थ कर रहा पश्चिम वन मंडल.....
जो विभाग समझाइए देकर पेड़ बचाने के लिए लोगों से कहता है वही विभाग अपने कैंपस मे लगे पेड़ कर रहा है अत्याचार
चिचोली :- वैसे तो वन विभाग वृक्षो को बचाने एवं वृक्षो को लगाने के नाम से जाना जाता है। प्रतिवर्ष जून से जुलाई माह मे वन विभाग लाखों रुपए खर्च कर जंगलों में वहद् स्तर पर पौधारोपण भी करता है और लोगों को संदेश देता है कि प्रकृति को बचाने के लिए पेड़ लगाए ,पेड़ की रक्षा करें! लेकिन इससे उलट पश्चिम मे वन मंडल के कार्यालय के कैंपस में लगे एक पेड़ पर हो रहे अत्याचार पर अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी है! डीएफओ कार्यालय के कैंपस मे लगे पेड़ पर किसी कार्य के लिए दर्जन भर लोहे सलाख एक फिट से ज्यादा गहराई तक ठोक दी है! जिससे पेड़ धीरे-धीरे सूखने की कगार पर पहुंच रहा है! वृक्ष पर वन विभाग के कैंपस में ही किए गए अत्याचार पर सारा का सारा वन अमला भी देखकर अनजान बन हुआ है।
गौरतलब है कि, हाल ही के दिनो पश्चिम मंडल मंडल बैतुल को जंगलो मे लगने वाली आग से वनों को बचाने के मामले में उत्कृष्ट कार्य के चलते इस खबर को बैतुल के समाचार पत्रो मे प्रमुखता से स्थान भी मिला था!
लेकिन पश्चिम वन मंडल कार्यलय मे "दिया तले अंधेरा वाली कहावत" चरितार्थ तो होते नजर आ रही है! पश्चिम वन मंडल के कैंपस में लगे पेड़ के पास से सीधा रास्ता डीएफओ कार्यलय तक जाता है!और इस कार्यालय मे रोजना ही वन अधिकारियों का आना-जाना इस मार्ग से लगा रहता है लेकिन इसके बावजूद भी पेड़ पर हुए अत्याचार पर किसी की नजर नहीं जाना ! पेड़ों के प्रति पश्चिम वन मंडल के अधिकारियों की सवेदनशीलता को दर्शा रही है।
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