तारम खेड़ा जहां दर्शन मात्र से ही दूर हो जाते हैं भक्तों के संकट
चिचोली मीडिया डॉट कॉम :-( Anand ramdas rathore)
शाहपुर ब्लॉक के ग्रामीण अंचल तारम खेड़ा में सुरम्य प्राकृतिक वन संपदा के बीच भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त श्री संकटमोचन के मंदिर में स्थापित हनुमान जी के दर्शन मात्र से ही संकट टल जाते हैं! भगवान शिव के 8 रुद्रा अवतारों में से एक श्री हनुमान जी को इस स्थान पर झोत वाले हनुमान जी के नाम से जाना जाता है !
प्रकृति की खूबसूरती और जोत वाले श्री हनुमान जी के चमत्कार और आध्यात्मिक महत्व के चलते तारम खेड़ा धार्मिक दृष्टि से बैतूल जिले के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों में से एक है! मान्यता अनुसार श्री हनुमान जी की प्रतिमा के दर्शन मात्र से ही भक्तों के यहां संकट दूर हो जाते हैं बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु पहुच कर झोत वाले श्री हनुमान दद्दा के दर्शन करते हैं ! और अपने संकटों से निजात पाते हैं!
400 वर्ष से भी अधिक पुराना है इतिहास :-
प्राकृतिक वन संपदा से ओतप्रोत या धार्मिक स्थल सदियों पुराना है ग्रामीणों के अनुसार बरसों पहले यहां पर श्री झोत वाले हनुमान जी की प्रतिमा चट्टान पर समतल स्थिति में स्थापित थी ! जहां स्वयं वनराज भी श्री हनुमान जी के दर्शन करने आते थे!
वर्तमान समय में मंदिर को नया स्वरूप प्रदान किया गया है!
त्रिवेणी मे गुप्त ताप्ती की बहती है जलधारा:-
मंदिर स्थल से महज कुछ ही दूरी पर यह पानी के तीन स्रोत है इन्हें त्रिवेणी गुप्त ताप्ती के नाम से जाना जाता है!
प्राकृतिक वन संपदा से भरपूर इस स्थान पर सघन वन संपदा एवं पानी के निरंतर बहते जल स्रोतों के कारण ही ग्रामीण इसे अपनी बोलचाल की भाषा में झोत स्थल कहते हैं!
इसी कारण से ही यहां स्थापित श्री हनुमान जी की पत्थर नुमा प्रतिमा को भी झोत वाले श्री हनुमान दादा के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त है!
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