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रिर्जव फारेस्ट मे अवैध कटाई कांड की जांच करने राज्य स्तरीय उड़नदस्ता सांवलीगढ़ पहुंचा...2 दिन तक होगी जाच- डीएफओ द्वारा गठित जाच टीम पर उठ रहे है सवाल- जांच टीम के एक दल ने 1410 में ज़मीन दोज़ किये कई ठूँठ

रिर्जव फारेस्ट मे अवैध कटाई कांड की जांच करने राज्य स्तरीय उड़नदस्ता सांवलीगढ़ पहुंचा,2 दिन तक होगी जाच


डीएफओ द्वारा गठित जाच टीम पर उठ रहे है  सवाल-  जांच टीम के एक दल ने 1410 में ज़मीन दोज़ किये कई ठूँठ
चिचोली मीडिया:- ( आनंद राठौर) - बैतूल वन वृत के अतंर्गत आने वाले पाश्चिम वन मण्डल के सांवलीगढ़ वन परिक्षेत्र के दो रिर्जव कम्पांट मेंट मे सागौन के बेशकीमती वृक्षो की अवैध कटाई का मामला सामने आने के बाद रविवार को वन मुख्यालय भोपाल से प्रधान वन सरक्षक ने इस मामले की निष्पक्ष जाँच के लिए  विभागीय उड़नदस्ता भेजा है। इससे पूर्व पश्चिम वन मंडल के डीएफओ वरुण यादव द्वारा एसडीओ तावड़ी एवं रेंजर मौहदा के साथ अन्य कर्मचारियों की टीम बनाकर जांच करवाई थी जांच दल को दोनों कंपार्टमेंट में एक दर्जन से अधिक ठूठ जांच के दौरान मिले थे ! लेकिन यह जांच आप सवालों के घेरे में आ गई है! सूत्रों की माने तो जांच दल को मौका स्थल पर एक दर्जन से अधिक ही ठूठ मिल पाए और वही इस मामले मे चुनाहजुरी डिप्टी रेजंर पर अपने अधीनस्थ कर्मचारी एवं चौकीदारों के साथ कंपार्टमेंट 1410 में अवैध रूप से काटे गए सागौन के वक्षो के ठूठ को साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य को जमीदोज करने के आरोप भी लगे है! फिलहाल भोपाल मुख्यालय से पहुंची जॉच टीम  देर शाम रिर्जव कम्पांटमेंट के जंगल जाँच का कार्य किया गया है! सोमवार को भी उड़नदस्ते मे शामिल अधिकारी एवं वन कर्मचारी 1410 एवं 1409 मे  जाँच करेगे ! 

पश्चिम में वन मंडल में बेखौफ काटे जा रहे हैं रिजर्व फॉरेस्ट के जंगल

गौर,तलब में कि, पिछले कुछ समय के दौरान पश्चिम वन मंडल के पांच रेंज में अवैध कटाई के मामले लगातार सामने आ रहे हैं ! एवं अधिकारियों द्वारा कागजों पर ही बीट निरीक्षण कर अपनी जवाबदारी तय की जा रही है! जिसके चलते जंगलों मे हालात  बत से बत्तर बने हुए हैं! जंगल काटने के लिए वन माफिया इलेक्ट्रॉनिक कटर से लगाकर कुल्हाड़ी एवं आरा तक का उपयोग कर रहे हैं! लगातार सागौन के बेश कीमती वृक्ष काटे जा रहे हैं ! बावजूद इसके वन विभाग वनों की सुरक्षा के प्रति लापरवाह बना हुआ है ।सूत्रों की माने तो रात्रि कालीन गस्त में भी अधिकारी औपचारिकता निभाकर निकल जाते हैं! जिसके चलते जंगलों में अवैध कटाई होना अब आम बात हो चुकी है! 

सूत्रो की मानें तो पश्चिम वन मंडल मे विभागीय काम में भ्रष्टाचार, तेंदूपत्ता मद किए गए सीमेंट काक्रींट के कार्य से लगाकर तार फेंसिंग के कार्य एवं पौधारोपण कार्य मे मे भी लापरवाही और जमकर अनियमिताएं जारी है! अनिमितताओ किये के जाने के मामलों मे कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के चलते निचला वन अमला भी अपने मन मुताबिक ही कार्य कर रहा है! जिसके चलते वन विभाग में धीरे-धीरे भ्रष्टाचार हावी होते नजर आने लगा है और यही वजह है कि, वनों की सुरक्षा से लगाकर विभागीय काम मे जमकर अनिमितताएँ  की जा रही है!

सूत्रों की माने तो विभागीय नियम अनुसार जंगलों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए अधिकारी एवं कर्मचारी को निर्धारित तीन माह के अंदर समय-समय पर बीट निरीक्षण करना अनिवार्य होता है लेकिन पश्चिम वन मंडल में हालात यह है कि, बीट निरीक्षण के नाम पर अधिकारी खानापूर्ति कर रहे हैं ! वनरक्षक द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर साइन सिग्नेचर कर बीट निरीक्षण तय कर लिया जाता है! जिसके चलते बीट में जारी गतिविधियों से वरिष्ठ अधिकारी भी अनिभिज्ञय रहते हैं! और निचला वन अमला अपने आप को बचाने के लिए बीट निरीक्षण के नाम पर जंगलों मे अवैध कटाई को निरंक दशा देता है! लेकिन जंगलों में हालात इससे उलट नजर आ रहे हैं। फिलहाल देखना यह है कि, भोपाल से आई जाए टीम इस मामले में किस प्रकार की जांच करती है।

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