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जनसुनवाई में प्राप्त आवेदनों का समय सीमा में हो निराकरण : कलेक्टर श्री सूर्यवंशी124 आवेदनों पर की गई कार्रवाई

जनसुनवाई में प्राप्त आवेदनों का समय सीमा में हो निराकरण : कलेक्टर श्री सूर्यवंशी
124 आवेदनों पर की गई कार्रवाई
बैतुल :- 
जनसुनवाई मात्र औपचारिकता नहीं गंभीरता पूर्वक शिकायतों का निराकरण करें। यह बात कलेक्टर श्री नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जन सुनवाई के संदर्भ में अधिकारियों से कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशा के अनुरूप राज्य शासन द्वारा जन सुनवाई का उद़्देश्य आमजन की छोटी बड़ी समस्याओं का निराकरण करना है। कलेक्ट्रेट सभागार में जनसुनवाई के तहत 124 आवेदन प्राप्त हुए। एडीएम श्री जेपी सैय्याम एवं एसडीएम श्री राजीव कहार आवेदकों से उनकी समस्याओं के निराकरण के संबंध में सुनवाई कर रहे थे।

गुमठियों का व्यवस्थापन
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अतिक्रमण कार्रवाई के दौरान आमला स्थित बांस बाजार के खेड़ची व्यापारियों ने सामूहिक आवेदन देकर उनके व्यवस्थापन की मांग की। रोजमर्रा की छोटी-छोटी वस्तुएं बेचकर गुजर बसर करने वाले दुकानदारों के सामने अतिक्रमण की कार्रवाई के बाद रोजगार की समस्या सामने आ खड़ी हुई है। दुकानदारों ने अपने व्यवस्थापन का अनुरोध किया। एडीएम द्वारा एसडीएम आमला को भूमि चिन्हित करने के लिए निर्देशित किया। जहां पर इन बेदखल दुकानदारों को व्यवस्थापित किया जा सके।

श्रमाधिकार के तहत सुविधाएं
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अर्जुन नगर बैतूल निवासी श्री घनश्याम पारधे द्वारा दिए आवेदन के अनुसार आवेदक सीमेंट रोड स्थित रेडिमेड स्टोर में विगत 13 वर्षों से सेल्समेन के रूप में कार्यरत था। उसके द्वारा श्रमाधिकार के तहत श्रमिक को मिलने वाली सुविधाओं को दिए जाने की मांग करने पर रेडिमेड स्टोर मालिकों द्वारा सेवा से पृथक करने की शिकायत दर्ज कराई। एसडीएम श्री राजीव कहार ने एसडीएम बैतूल को आवेदन अग्रेषित करते हुए आवेदन को पुन: यथा स्थान सेवा में भिजवाने के निर्देश जारी किए।

पैतृक जमीन कराएं कब्जे से मुक्त
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पिपरिया जिला नर्मदापुर निवासी श्रीमती सुनीता पंवार ने पति की मृत्यु के पश्चात ससुराल वालों द्वारा ग्राम रोंढा जिला बैतूल स्थित पुश्तैनी जमीन एवं मकान पर जेठ, जेठानी और उनके पुत्र द्वारा कब्जा किए जाने की शिकायत दर्ज कराई। ससुराल वालों ने उसके पति की मृत्यु के पश्चात उन्हें ससुराल बुलाकर संपत्ति से बेदखल कर मारपीट की गई। श्रीमती सुनीता द्वारा पैतृक संपत्ति में से हिस्सा दिलाने का अनुरोध किया गया। जिससे वो उसके बेटे की इंजीनियरिंग की फीस भर सके। एडीएम श्री सैय्याम द्वारा एसडीएम को प्रकरण भेजकर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

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