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घोड़ाडोंगरी विधानसभा में चिचोली क्षेत्र को लंबे समय से नहीं मिला नेतत्व ...विधानसभा में आधा दर्जन दावेदार सक्रियमंगल सिंग की भी इच्छा हो सकती है पूरी - विधानसभा में बढ़ाई सक्रियता.......

 घोड़ाडोंगरी विधानसभा में चिचोली क्षेत्र को लंबे समय से नहीं मिला नेतत्व...

विधानसभा में आधा दर्जन दावेदार सक्रिय- 

मंगल सिंग की भी इच्छा हो सकती है पूरी - विधानसभा में बढ़ाई सक्रियता

चिचोली मीडीया:- 
एक दौर था जब बैतूल जिले की राजनीति में चिचोली क्षेत्र के नेताओं का डंका बजता था ! और लंबे समय तक चाहे कांग्रेस हो या भाजपा हो दोनों ही दलों के नेताओं ने जिले में चिचोली की एक पहचान स्थापित की थी! लेकिन परिसीमन के बदलाव के चलते एक दौर ऐसा भी आया की चिचोली क्षेत्र बैतूल विधानसभा से कटकर घोड़ाडोंगरी विधानसभा में जुड़ा इससे पूर्व चिचोली तहसील के कुछ कुछ गांव भैंसदेही विधानसभा में भी जुड़े रहे। लेकिन परिसीमन होते ही चिचोली क्षेत्र की राजनीतिक चमक समय के साथ ही गुम हो गई!  घोड़ाडोंगरी विधानसभा से जुड़ने के बाद सबसे महत्वपूर्ण जाने वाले चिचोली विकासखंड मे लंबे समय से दोनों ही प्रमुख पार्टियों से कोई दमदार जनजातीय नेतृत्व उभर कर सामने नहीं आने के चलते घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में अधिकांश विधायक शाहपुर ब्लॉक और घोड़ाडोंगरी ब्लॉक से ही उभर कर सामने आए! कभी चिचोली तहसील के मालीपुरा से गजन सिंग कुमरे  कांग्रेस विधायक रहे! लेकिन लंबे समय तक का चिचोली तहसील नेतृत्व के अभाव में पिछड़ते नजर आया । 5 सालों के बाद  फिर चुनाव नजदीक है ऐसे मे चिचोली तहसील क्षेत्र में भी राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है! चिचोली तहसील क्षेत्र के लोगों का मानना है कि, घोड़ाडोंगरी विधानसभा  के लिए इस बार चिचोली तहसील से किसी युवा चेहरे को विधान सभा मे नेतत्व करने का मिलना चाहिए।

सूत्रों की माने तो इस बार चिचोली तहसील के गोधना ग्राम के युवा इंजीनियर एवं वर्तमान गोधना ग्राम पंचायत के सरपंच युवा मोर्चा के जिला महामंत्री संतोष टेकाम भी विधानसभा अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने की दौड़ में शामिल है!
चिचोली मीडीया डॉट-काम से चर्चा करते हुए चिचोली क्षेत्र के युवा ऊर्जावान नेता संतोष टेकाम ने बताया कि, पारिवारिक पृष्ठभूमि मे उनके पिता स्व:श्री सुकल चिक्का टेकाम ने भाजपा से जुड़कर लम्ब समय तक गोधना पंचायत के सरपंच २हे! एवं ग्रामीण क्षेत्र भाजपा के कार्यो को आगे बढ़ाया !

कोरोना काल मे पिता की आस्मयिक मत्यु के उपरांत उन्होने  राजनीति मे प्रवेश किया- वर्तमान मे वे भाजपा युवा मोर्चा के जिला 
महामंत्री के दायित्व का निर्वहन कर रहे है।इसके आलावा2022 मे गोधना ग्राम पंचायत मे सरपच के पद पर निर्वाचित होने के बाद अपनी ग्राम पंचायत को लगातार विकास के कार्यों पर आगे बढ़ा रहे। इसके अलावा ब्लॉक का सरपंच संघ के अध्यक्ष का भी दायित्व उनके पास है।
उनका कहना है कि पार्टी अगर उन्हें मौका देती है तो पूरी निष्ठा के साथ पार्टी के दिशा निर्देशन में विकास कार्यों को आगे बढ़ाकर जनता की सेवा करेगे । साथ ही पार्टी की रीति नीति के अनुसार अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाने का भी प्रयास कर्जन सेवा करेंगे।
घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र के बारे में पूछने पर उन्होंने  बताया कि सर्वप्रथम अपना विधानसभा आत्मनिर्भर,शिक्षित (युवा) समाज, जागरूक समाज, और बेरोजगार मुक्त समाज के रूप में बने उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा। बताया कि घोड़ाडोंगरी विधानसभा प्रत्येक गांव में युवा मोर्चा के माध्यम से युवा चौपाल लगाकर युवाओं मैं अपनी पैठ बना कर पार्टी के कार्यों को निरंतर आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं!
घोड़ाडोंगरी विधानसभा के दगल में मंगल सिंग भी सक्रिय

बैतूल जिले की जनजातीय बहुल आरक्षित विधानसभा सीट घोड़ाडोंगरी मे वर्तमान समय में चुनावी सक्रियता धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है ऐसे में घोड़ाडोंगरी विधानसभा से विधायक की सीट के लिए दावेदार सक्रियता से विधानसभा में नजर आने लगे हैं! वर्ष 2016 में उपचुनाव में कांग्रेश के दौर में मंत्री रह चुके प्रताप सिंह उईके को शिकस्त देकर पहली बार विधायक बने मंगल सिंग धुवे भी मजबूती के साथ अपना दावा घोड़ाडोंगरी विधानसभा के लिए करते नजर आ रहे हैं। पिछले 1 वर्ष से भी अधिक समय से मंगल सिंह धुर्वे घोड़ाडोंगरी विधानसभा में काफी सक्रिय रहे हैं! चिचोली Media.com से चर्चा करते हुए पूर्व विधायक का मंगल सिंह धुर्वे ने बताया कि, इस बार संगठन और पार्टी अगर उन पर भरोसा करती है । तो एक बार फिर से घोड़ाडोंगरी विधानसभा में भाजपा का परचम लहराने के लिए तैयार है!
गौरतलब है कि घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख से अधिक मतदाता इस विधानसभा में प्रत्याशियों की हार-जीत तय करते हैं! वर्ष 2018 के पिछले चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी ब्रह्मा भलावी ने भाजपा प्रत्याशी श्रीमति गीता रामजीलाल उईके को हराकर कांग्रेश का परचम लहराया था! अंदरूनी कलह गुटबाजी और एक छत्र  राजनीति ,लहर मे जीत का ख्वाब  देखने, भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के चलते - जिले मे भाजपा को 5 विधानसभा सीटों में से 4 सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था। जिसमें घोड़ाडोंगरी विधानसभा भी शामिल थी। फिलहाल भाजपा की राजनीति में सरल स्वभाव से सहज राजनीति करने वाले मंगल सिंह धुर्वे घोड़ाडोंगरी विधानसभा से सशक्त उम्मीदवार नजर आ रहे हैं!

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