Subscribe Us

header ads

अखंड रामायण पाठ के साथ श्रीतपश्री आश्रम में मनाया गया गुरु पूर्णिमा उत्सव - बाबा के अनुयायियों ने वितरीत किया हलवे का प्रसाद..... आस्था का केंद्र बिंदु श्री तप श्री आश्रम -

 चिचोली मीडिया डॉट कॉम : - 

चिचोली के निकट सोनपुर स्थित श्री तपश्री आश्रम मे आज अखंड रामायण पाठ का समापन हुआ ! गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में 1 दिन पूर्व श्रीतपश्री बाबा के अनुयायियों द्वारा एक दिवसीय अखंड रामायण पाठ का आयोजन प्रारम्भ किया गया था ! सोमवार को श्री तपश्री आश्रम मे बाबा के अनुयायियों की उपस्थिति में विधिवत रूप से रामायण पाठ का समापन कर आरती की गई! इसके उपरांत श्री तपश्री आश्रम से जुड़े वरिष्ठ भाजपा नेता सदन आर्य, मनोहरी लाल राठौर भीम आर्य, नवल आर्य उमेश पेठे की मौजूदगी में आश्रम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को हलवे एवं चने का प्रसाद का वितरण भी किया गया ! गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सुबह से ही श्री तप श्री आश्रम में श्रद्धालुओं का पहुंचने का सिलसिला जारी है! और यह सिलसिला पूरे दिन तक यहां पर जारी रहेगा!


_ सनातन धर्म में गुरु को ईश्वर का दर्जा प्राप्त है सदियों से गुरु के प्रति आस्था के चलते ही भारत के इतिहास मे गुरु शिष्य की परंपरा का निर्वाहन चला आ रहा है इतिहास गवाह है कि जब कभी भी इस सनातन संस्कृति वाले देश की अस्मिता और संस्कृति पर संकट आया है। तब तक हमारे राष्ट्र नायकों ने अपने गुरु की प्रेरणा से इस महान संस्कृति की रक्षा की है! इसलिए इस देश में गुरु को ईश्वर का दर्जा प्राप्त है ! 
_ गुरु का प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व है गुरु के प्रति जीवन भर सम्मान ही गुरु के प्रति हमारी समर्पण भावना को दर्शाता है ,आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर चिचोली क्षेत्र में गुरुदेव श्री तप श्री के नाम से विख्यात एक संत जिसके नाम मात्र से ही अपने व्यवसाय की शुरुआत करने वाले लोग शोहरत की बुलंदियों को पहुच चुके हैं ! नगर के दक्षिण पर स्थित , श्रीतप बाबा का आश्रम आज भी लोगों के लिए उतनी ही अखंड आस्था का केंद्र है ! जितना कि श्री तपश्री बाबा के रहते,  
आज से वर्षों पूर्व चिचोली के निकट एक निर्जन स्थान जहां कभी सदियों पहले गांव हुआ करता था !  इस विरान भूमि पर  झापल से आये एक संत के कदम पढते ही इस वीरान स्थान  में भी जिंदगी की रौनक लौट आई थी ! श्री तपश्री बाबा द्वारा लोगों की आस्था को लेकर एक छोटे से आश्रम की स्थापना कर वर्षों तक इस स्थान पर मौजूद रहकर लोगों को ईश्वर के प्रति जोड़े रखने का कार्य किया गया ! श्री तपश्री बाबा के रहते चिचोली क्षेत्र के लोगो ने जिस आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति की । उस पर सुख से प्रभावित होकर लोगों ने श्रीतप श्री बाबा को श्री गुरुदेव तपस्वी के नाम से संबोधन करना प्रारंभ कर दिया ! तभी से इस आश्रम को श्री गुरुदेव तप श्री के आश्रम के रुप मे इसकी पहचान स्थापित हो गई है! गौरतलब है कि , इस आध्यात्मिक स्थान पर सदियो पुराना वृट वृक्ष है ! जिस की टहनियों से निकलने वाली जड़ों ने बाबा के आश्रम के आगमन स्थान पर स्वत: ही प्रकृति का प्रवेश द्वार बना रखा है ! जो स्वयं ही एक चमत्कार कम नही है ! प्राकृतिक माहौल के बीच इस आश्रम में पहुंचकर चिचोली के लोग आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति करते हैं !

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ