आध्यात्म
आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि प्रथम दिन, पहले दिन ऐसे करें अनुष्ठान पूजन आरंभ
इस वर्ष आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई से प्रारंभ होने वाली है। नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना का विधान है, इसके साथ इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पहले दिन की पूजा विधिKey Highlightsइस वर्ष 11 जुलाई से प्रारंभ हो रही है आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि, बनेगा सर्वार्थ सिद्धि योग।नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर होता है घटस्थापना, घटस्थापना के साथ इस दिन होगी माता शैलपुत्री की पूजा।नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा को अवश्य चढ़ाएं लाल रंग की चुनरी और मां शैलपुत्री के मंत्रों का करें जाप।
सनातन धर्म में आषाढ़ मास में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि यह नवरात्रि तांत्रिकों व अघोरियों के लिए बहुत अनुकूल है। इस वर्ष आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई से प्रारंभ हो रही है जो 18 जुलाई तक मनाई जाएगी। आषाढ़ माह में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि अक्सर अंग्रेजी पंचांग के अनुसार जून या जुलाई के महीने में पड़ती है।
इस वर्ष आषाढ़ नवरात्रि रविवार के दिन से प्रारंभ हो रही है और जानकार बता रहे हैं कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा जो मां दुर्गा के भक्तों के लिए बहुत मंगलमय माना जा रहा है। इसके साथ इस दिन पुष्य नक्षत्र भी लगने वाला है जो नए कार्यों की शुरुआत के लिए बहुत लाभदायक होता है।
ऐसी मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य सिद्ध होते हैं तथा उनमें सफलता मिलती है। नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापित किया जाता है तथा मां दुर्गा की विशेष पूजा-आराधना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की आराधना करने का भी विधान है।
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