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पितृ पक्ष, जानिए क्या है - तर्पण.........चिचोली मीडिया

 पितृ पक्ष, जानिए क्या है - तर्पण....

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॥धर्म॥ 
सनातन धर्म में परिवार के सदस्यों की मृत्यु के पश्चात्‌ उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए किए जाने वाले कर्म को श्राद्धकर्म कहते हैं। श्राद्धपक्ष के दौरान, मृत्यु प्राप्त व्यक्तियो की मृत्यु तिथियों के अनुसार उनका श्राद्ध किया जाता है।
पूर्णिमा तिथि से आश्विन अमावस्या तक के समय को पितृ पक्ष कहते हैं। ये दिन पूर्वजों को श्रद्धासुमन अर्पित करने का महापर्व है ! पितृपक्ष का श्राद्ध -पितृपक्ष में पितरों को भी आस रहती है कि हमारे पुत्र-पौत्र पिंड दान, तर्पण करके हमें संतुष्ट करेंगे। धर्म शास्त्र कहते हैं कि ,पितरों को पिंडदान करने से पितरों की कृपा मिलती हैं। और उनकी  कृपा से सब प्रकार की समृद्धि, आयु, विद्या, यश, बल और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

ये दिन पितरों को याद करने और उनसे आशीर्वाद लेने के रहते है। उनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती।
पितृपक्ष यानी पितरों की पूजा का पक्ष , सनातन धर्म में देवी-देवताओं के समान ही पितरों को महत्व दिया गया है। इतना ही नहीं पितरों को इतना आदर दिया गया है कि इनके नाम से पूरा एक पक्ष यानी 15 दिन पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक समर्पित है। जबकि नवरात्र जैसा बड़ा त्योहर भी महज 10 दिनों का होता है। इस बात से ही पितृपक्ष का महत्व समझा जा सकता है। पितृपक्ष में लोग अपने पूर्वजों का ध्यान पूजन करते हैं जिनकी वजह से हम इस दुनिया में हैं। गरुड़ पुराण और कठोपनिषद् में कहा गया है कि पितृगण देवताओं के समान ही वरदान और शाप देने की क्षमता रखते हैं इनकी प्रसन्नता से परिवार की उन्नति होती और नाराजगी से परिवार निरंतर परेशानियों में रहता है।
 कृष्ण पक्ष से पहली तिथि से पितरों को जल दिया जाता है। इसमें किसी भी पक्ष में जिस तिथि को व्यक्ति की मृत्यु हुई रहती है उसके नाम से श्राद्ध और ब्राह्मण भोजन करवाया जाता है जबकि पूरे पक्ष में तर्पण करके उनके नाम से जल दिया जाता है।
पितृ पक्ष तिथि (Pitru Paksha 2023 Tithi)

पितृ पक्ष 29 सितंबर यानी कल से शुरू हो रहे हैं. इसकी प्रतिपदा तिथि कल दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से लेकर 30 सितंबर यानी परसो दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक रहेगी.

महत्वपूर्ण तिथियां

29 सितंबर 2023, शुक्रवार: पूर्णिमा श्राद्ध

30 सितंबर 2023, शनिवार: द्वितीया श्राद्ध 01 अक्टूबर 2023, रविवारः तृतीया श्राद्ध

02 अक्टूबर 2023, सोमवार: चतुर्थी श्राद्ध

03 अक्टूबर 2023, मंगलवार: पंचमी श्राद्ध

04 अक्टूबर 2023, बुधवारः षष्ठी श्राद्ध

05 अक्टूबर 2023, गुरुवारः सप्तमी श्राद्ध

06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार: अष्टमी श्राद्ध 07 अक्टूबर 2023, शनिवार: नवमी श्राद्ध

08 अक्टूबर 2023, रविवार: दशमी श्राद्ध 09 अक्टूबर 2023, सोमवार: एकादशी श्राद्ध

10 अक्टूबर 2023, मंगलवार : मघा श्राद्ध

11 अक्टूबर 2023, बुधवार: द्वादशी श्राद्ध 12 अक्टूबर 2023, गुरुवारः त्रयोदशी श्राद्ध

13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार: चतुर्दशी श्राद्ध

14 अक्टूबर 2023, शनिवार: सर्व पितृ अमावस्या

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