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आस्था का ब्रह्म कमल- ब्रह्म कमल बना आस्था का केंद्र, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लग रही है भीड़ .....

 ब्रह्म कमल बना आस्था का केंद्र, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लग रही है भीड़ ...


चिचोली मीडिया डॉट कॉम:-  
_प्रकृत्ति से जुड़ी हर चीज बहुत खूबसूरत है, चाहे वो नदियां हों या तालाब, फूल हों या पेड़-पौधे, ये सभी ना सिर्फ आकर्षक हैं बल्कि कई ऐसे गुणों से  युक्त भी हैं जो मानव हित के काम आते हैं.इनमें से कुछ तो पूरी तरह दैवीय शक्ति वाले माने जाते हैं.
_नगरीय क्षेत्र के दयानंद वार्ड मे निवासरत कपिल राठौर घर के बगीचे मे सोमवार रात्रि को ऐसा ही एक बेहद पवित्र और खूबसूरत दिखाई देने वाला पुष्प ब्रह्मकमल खिला जो लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है . इस सफेद रंग के आकर्षक पुष्प के दर्शन परिवार सहित  पड़ोसियो ने भी किए ! एवं महिलाओं ने ब्रह्म कमल का दर्शन कर पुजन भी किया!

_ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु की नाभि से निकले कमल पुष्प पर सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी विराजते हैं इसलिए इसे ब्रह्मकमल कहा जाता है. जानकारों के अनुसार यह वर्ष में एक ही बार खिलता है ! दयानंद वार्ड निवासी मनीष राठौर ने बताया कि, ब्रह्म कमल लगभग 12 वर्ष बाद खिला है! इसकी विशेषता यह है कि यह पुष्प रात्रि में सूर्यास्त के पश्चात ही खिलता है और कुछ घंटो मे मुरझा जाता है.
_ वनस्पति शास्त्र के जानकारों के अनुसार ब्रह्मकमल ऐस्टेरेसी कुल का पौधा है. इसका वैज्ञानिक नाम सासुरिया ओब्वालटा है. यह मुख्यतः हिमालय की तराई वाले क्षेत्र विशेषत: उत्तराखंड और केदारनाथ- बद्रीनाथ की घाटियों मे पाया जाता है.! 
 _ मान्यताओं के अनुसार इसके दर्शन से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं!रजनीश राठौर ने बताया कि उनके घर की बगिया मे ब्रम्ह कमल के पौधे लगे हैं. इनमे पहली बार ब्रम्हकमल खिला हैं।

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