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गुप्त नवरात्रि में की जाती है 10 महाविद्याओं की साधना

 गुप्त नवरात्रि में की जाती है 10 महाविद्याओं की साधना


चिचोली मीडिया :- सनातन धर्म में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि  मे आध्य शक्ति के नौ स्वरूपों की उपासना करने से जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो जाती है। शास्त्रो के अनुसार इस वर्षआषाढ़ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ अत्यंत शुभ योग में हो रहा है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, सोमवार यानि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कि शुरुआत होने जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की उपासना का विशेष महत्व।

बता दें कि गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ अत्यंत शुभ योग में हो रहा है। इस दिन वृद्धि योग का निर्माण होगा, जिसे ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वृद्धि योग में किए गए धार्मिक कार्य से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में इस शुभ योग में घट स्थापना करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है।

गुप्त नवरात्रि में की जाती है 10 महाविद्याओं की साधना

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। सभी 10 महाविद्याएं मां दुर्गा की ही रूप हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधना करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के सभी 9 स्वरूपों की उपासना का भी विशेष महत्व है। ऐसा करने से मां भगवती प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देती हैं।

प्राचीन तंत्र ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख मिलता है। 1. काली 2. तारा 3. षोड़षी 4. भुवनेश्वरी 5. छिन्नमस्ता 6. त्रिपुर भैरवी 7. धूमावती 8. बगलामुखी 9. मातंगी 10. कमला। मां भगवती श्री बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे विशिष्ट है। 
 
मां बगलामुखी यंत्र चमत्कारी सफलता तथा सभी प्रकार की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है

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